दास कैपिटल और कार्ल मार्क्स
दास कैपिटल और कार्ल मार्क्स सितंबर 2018 में कार्ल मार्क्स द्वारा लिखित पुस्तक दास कैपिटल का 151 वर्ष पूरे हो रहे हैं इस पुस्तक को कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगल्स द्वारा 1867 में लिखा गया पुस्तक में बताया गया है, पूंजीवाद किस प्रकार से राज्य के समांतर कार्य करता है व्यक्ति द्वारा दी गई मजदूरी को राज्य अपने उपयोग में किस प्रकार विच्छेदित करता है ,धनबल का संबंध कैसे राज्य का चरित्र परिवर्तित करता है, कार्ल मार्क्स ने कहा है कि सर्वहारा वर्ग ,पूंजीपतियों के खिलाफ विद्रोह तैय है ,मार्क्स ने माना है, पूंजी श्रमिकों के शोषण की बुनियाद पर टिकी है यह श्रमिकों का खून पीकर और मजबूत हो रही है, मार्क्स ने यथार्थवाद को ध्यान में नहीं रखा है! दास कैपिटल अर्थशास्त्र को समाजशास्त्र से जोड़कर देखता है, मार्क्स ने कहा है कि उत्पादों की दुनिया में व्यक्तिगत संबंध भी चीजों के आपसी संबंधों की तरह हो गए हैं मेरे जैसे पुराने फैशन वाले आदमी के लिए यही सत्य है , धन मानव के श्रम के शोषण से ही निकलता है मार्क्स ने राज्य के प्रभाव को भी समझाया है बाद में इसे परिस्थितिकीय प्रभाव माना है! मशीनों और औ