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Showing posts from August, 2018

Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act

अमेरिकी कॉन्ग्रेस के सम्मलेन में भारत को अमेरिका द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वियों के विरोध हेतु बनाए गए दंडात्मक अधिनियम CAATSA (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) से छूट देने की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि इसका मुख्य उद्देश्य रूसी खुफिया एजेंसियों और साइबर हमलों से जुड़ी अन्य संस्थाओं को लक्षित करना था। सीनेट और हाउस आर्म्ड सर्विस कमिटी के संयुक्त सम्मलेन की रिपोर्ट में राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (NDAA)- 2019 के माध्यम से CAATSA की धारा 231 में संशोधन किया जाएगा। अधिनियम के मौजूदा संस्करण के विपरीत प्रस्तावित संशोधन में अमेरिकी गठजोड़, सैन्य परिचालन, और संवेदनशील प्रौद्योगिकी की रक्षा हेतु छूट के लिये अब राष्ट्रपति के प्रमाणन की आवश्यकता होगी। क्या है CAATSA? 2 अगस्त, 2017 को अधिनियमित और जनवरी 2018 से लागू इस कानून का उद्देश्य दंडनीय उपायों के माध्यम से ईरान, रूस और उत्तरी कोरिया की आक्रामकता का सामना करना है। यह  अधिनियम प्राथमिक रूप से रूसी हितों, जैसे कि तेल और गैस उद्योग, रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र तथा वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंधों से संबंधित है

भारत और क्षेत्रीय संगठन

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भारत और क्षेत्रीय संगठन पाकिस्तान में इमरान खान के नए प्रधानमंत्री चुने जाने के बावजूद भारत का ध्यान क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये सार्क की बजाय बिम्सटेक की ओर अधिक है , जो समय की मांग के साथ भारत के रणनीतिक सूझ - बूझ के तालमेल का परिचायक है। अक्तूबर 2016 में , सार्क शिखर सम्मेलन को रद्द करने के ठीक बाद , प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में ब्रिक्स - बिम्सटेक आउटरीच शिखर सम्मेलन को बुलाया और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये बिम्सटेक को भारत के प्राथमिक संगठन के रूप में पुनर्जीवित करने का वादा किया। इस लेख के माध्यम से हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि सार्क और बिम्सटेक संगठन क्या हैं तथा क्यों बिम्सटेक भारत के लिये सार्क की तुलना में अधिक प्रासंगिक है ? बिम्सटेक और सार्क संगठन   बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल ( बिम्सटेक ) §   एक उप - क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग समूह के रूप में बिम्सटेक ( बांग्ला