रेडियो की महत्व
आधुनिक प्रगतिशील दौर में नित नए-नए आविष्कार और खोज हो रही हैं। मानवीय अविष्कार प्रकृति के रहस्यो से निरंतर पर्दा हटा रहे हैं। मानव सभ्यता को इस दौर में पहुंचाने का सबसे बड़ा श्रेय जाता है, संचार माध्यमों को। कह सकते हैं कि बिना संचार के यह संभव नहीं था। संचार के माध्यम से ही मानव ने देश-विदेश के विचारों, सभ्यताओं और संस्कृतियों को जाना, उन पर शोध किया और अमल में लाने हेतु प्रयास किए। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि संचार के माध्यम पृथ्वी के सबसे बड़े अविष्कारों में आते हैं। प्राचीन समय से अब तक की बात करें तो संचार का सबसे तेज और सटीक माध्यम है रेडियो। रेडियो की शुरुआत बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ से हुई। तब से लेकर आज तक रेडियो की अपनी अलग ही पहचान रही है। जन-जन तक पहुंच बनाने में सफल रेडियो का धीरे-धीरे निरंतर विकास होता गया। 1936 में भारत में सरकारी "इंपीरियल रेडियो ऑफ इंडिया" की शुरुआत हुई जो आजादी के बाद "ऑल इंडिया रेडियो" या आकाशवाणी बन गया। आजादी की लड़ाई में रेडियो का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 24 अगस्त 1942 को नेशनल कांग्रेस
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