राष्ट्रवाद व्यक्ति की पहचान है ना कि व्यक्ति का चरित्र?
इस लेख के शुरुआती शब्दों में कहना चाहता हूँ, आतंकवाद का किसी भी धर्म जन्म स्थान जाति आदि से कोई संबंध नहीं है। राष्ट्रवाद व्यक्ति की पहचान है ना कि व्यक्ति का चरित्र, इसका उन लोगों से कोई संबंध नहीं है जो कहते हैं भारत में रहना है तो वंदेमातरम कहना है ,या हिंसा को केंद्र में रखकर किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । इस प्रकार के राष्ट्रवाद पर ही एक प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है राष्ट्रभक्ति किस प्रकार से व्यक्ति के चरित्र को निर्धारित करती है इसका अनुमान लगाना उतना ही कठिन है जितना की जेल के अंदर उसके रंग को जानना अब बात 14 फरवरी 2019 को लगभग 3:30 बजे के आसपास एक आतंकी हमला होता है एक सीआरपीएफ का काफिला जो जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था लगभग 78 वर्षों का काफिला जिसमें 25 सौ के आसपास जवान थे प्रश्न यह है कि जब किसी मंत्री के पास तकनीक से लैस गाड़ी जैमर सूचना संरचना उपलब्ध होती है जाने और आने के लिए 2 जवानों के काफिले में इस प्रकार के इक्विपमेंट रियल टाइम जीपीएस कवरेज जय मां जय माता दी को क्यों नहीं दिया जा सकता यह कोई पहली घटना नहीं है हम पूरी पठानकोट आदि में भी इस प्रकार...